वो मेरे सामने खड़ा था, सर झुकाए हुए, पेरिस का मशहूर गैंगस्टर, जोनाथन रिवेट उर्फ़ ली टिरेयर (दी शूटर) | "जोनाथन रिवेट, आप पर मुकदमा चलाया गया था, 12-06-1956, जगह ल्योन, तीन पुलिसवालों की हत्या का | आप दोषी साबित होते है | 3-12-1960, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका में वाशिंगटन नरसंहार जिसमे कि बेंजामिन डेमी, एंजेलो बेनिटो, गुस्ताव लोस्सेलिअनी और इतालियन माफिया फॅमिली हेड विनसेंजो अंतोनियो मारे गए थे, आप के इशारे पे हुआ था | आप दोषी पाए जाते हैं |" उसने एक नजर मेरी ओर देखा | मैं लगातार उसकी तरफ देखता रहा | "माइकल कार्लसन ने आपकी शिनाख्त जोनाथन रिवेट उर्फ़ ली टिरेयर उर्फ़ दी शूटर के रूप में की है | इस अदालत को इस बात में कोई शक नहीं कि आप ही जोनाथन रिवेट हैं | आप पर लगे इलज़ाम सही पाए गए हैं | आप को फांसी की सजा सुनाई जाती है |" उसकी आँखों में कोई भाव प्रकट नहीं हुए | ये मेरे लिए कोई हैरानी की बात नहीं थी | अक्सर सुनवाई के दौरान मुजरिम पूरी तरह खामोश रहता है | उसके चेहरे पर दुःख, पश्चाताप, अवसाद के कोई चिन्ह नजर नहीं आते | "08-02-1963, पीपुल'स बैंक में लूट |...